नई दिल्ली I रक्षा क्षेत्र से जुड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड ने भारतीय नौसेना के लिए 8 पनडुब्बी-रोधी युद्धक जलपोत एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट्स (ASWSWC) के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.  

GRSE के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इन आठ पोतों की कीमत 6311.32 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि करार पर हस्ताक्षर के 42 महीनों के भीतर पहले पोत की डिलीवरी करनी होगी, इसके बाद हर साल दो पोत की डिलीवरी करनी होगी.

अधिकारी के मुताबिक करार पर हस्ताक्षर के 84 महीने के भीतर परियोजना पूरी होगी. कोलकाता स्थित जीआरएसई वर्तमान में भी नौसेना से जुड़ी प्रमुख परियोजनाओं पर काम कर रही है. दरअसल भारतीय नौसेना अपनी परिचालन क्षमता में इजाफे के लिए नये युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों को शामिल करने की वृहद योजना और रणनीतिक समुद्री क्षेत्रों में अपने समग्र प्रभाव के विस्तार पर काम कर रही है.  एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत नौसेना का उद्देश्य है कि उसके पास 200 जहाज, 500 विमान और 24 हमलावर पनडुब्बियां हों. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में नौसेना के पास लगभग 132 जहाज, 220 विमान और 15 पनडुब्बी हैं. गौरतलब है कि 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए कहा कि मजबूत नौसेना भारत की सुरक्षा और समृद्धि के लिए गारंटी प्रदान करती है.  


Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours