महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम पर लोगों ने पथराव किया. इस मामले में पुलिस ने 21 लोगों कों गिरफ्तार किया और 500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया हैं. ऐसे में अब इस घटना को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि किले पर अतिक्रमण के मुद्दे को कानूनी रूप से हल करने के लिए महायुति सरकार प्रतिबद्ध है.

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के सवालों का जवाब दते हुए कहा, "विशालगढ़ किला छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास का साक्षी है. ऐसे ऐतिहासिक स्थलों का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जितने भी ऐतिहासिक स्थल हैं, वहां के अतिक्रमण को निकालने की मंशा राज्य सरकार की है. उसको निकालने के पीछे अगर कोई राजनीति करता है और सिर्फ एक समुदाय का वोट पाने के लिए अतिक्रमण संरक्षित करता है , तो हम उसपर उचित कार्रवाई करेंगे."

विशालगढ़ यह छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास का साक्षी है,

ऐसे ऐतिहासिक स्थलों का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा !

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि कोल्हापुर जिले में स्थित विशालगढ़ किले पर अतिक्रमण विरोधी अभियान बीते रविवार को तब हिंसक हो गया, जब वहां मौजूद भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. इस मामले में पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई, जब पुणे से आए मराठा राजघराने के पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति के नेतृत्व में कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने निषेधाज्ञा के मद्देनजर किले के बाहर रोक दिया गया.

विशालगढ़ किला महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 76 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है. यह वही किला है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज बीजापुर की आदिलशाही सेना के जाल से बचकर पहुंचे थे. विशालगढ़ किले में हजरत सैयद मलिक रेहान मीर साहब की दरगाह भी है, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है.

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