जम्मू- कश्मीर I जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज (शनिवार को) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह राज्य में हो रही हिंसा को रोकने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की ओर से बढ़ाया गया दोस्ती का हाथ कबूल करें.
बता दें कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने पाकिस्तान के आम चुनावों में अपनी पार्टी की जीत के बाद पहले सार्वजनिक संबोधन में कहा था कि वह भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार चाहेगी कि दोनों पक्षों के नेता कश्मीर सहित सभी अहम मसले बातचीत के जरिए सुलझाएं.
नेशनल असेंबली के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पीटीआई प्रमुख इमरान ने इस बात पर जोर दिया था कि दोनों पड़ोसियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला खत्म होना चाहिए.

महबूबा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीपीपी) के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक रैली में यह बात कही. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में नई सरकार बनेगी और नया प्रधानमंत्री होगा, जिसने भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, उन्होंने वार्ता की बात कही है, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करती हूं कि वो इस पर सकारात्मक जवाब दें'

उन्होंने कहा, 'यह मेरा अनुरोध है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री को इस मौके का फायदा उठाकर इमरान खान की तरफ से की गई दोस्ती की पेशकश पर सकारात्मक जवाब देना चाहिए.' महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आगामी चुनाव पाकिस्तान के साथ मेल-मिलाप की प्रक्रिया शुरू करने में बाधा नहीं बनना चाहिए.

उन्होंने कहा कि चुनाव तो आते-जाते रहते हैं. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था और सीमा पर संघर्षविराम भी हुआ था. यह राजनेता जैसे गुण हैं, ऐसे नेता चुनावों के बारे में नहीं बल्कि लोगों के बारे में सोचते हैं. जम्मू-कश्मीर हमारे देश के प्रधानमंत्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.'

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा सुलझाने और राज्य में खूनखराब खत्म करने वाले प्रधानमंत्री का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा.

पीडीपी नेता मुजफ्फर बेग ने दी धमकी
इसी कार्यक्रम में बोलते हुए पीडीपी नेता मुजफ्फर बेग ने धमकी तक दे डाली. इस कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, 'देश में गाय और भैंस के नाम पर मुसलमानों के कत्‍ल बंद करें, वरना नतीजे अच्‍छे नहीं होंगे. 1947 में एक बंटवारा पहले ही हो चुका है.'
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours