नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह ने 'फ्रैंकली स्पीकिंग' कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जनता और उनकी पार्टी के लोग ही गंभीरता से नहीं लेते हैं। दरअसल, उनसे सवाल पूछा गया कि आप राहुल गांधी को सीरियस नहीं लेते हैं या उन्हें 2019 के लिए नॉन सीरियस प्लेयर मानते हैं?

इस पर अमित शाह ने कहा, 'मैं ऐसा नहीं मानता, देश की जनता और उनकी पार्टी ऐसा मानती हैं। उन्होंने एक बयान दिया कि मैं प्रधानमंत्री बन सकता हूं, उनके साथियों ने कह दिया कि ऐसा नहीं हो सकता। क्यों?' 
इसके अलावा उन्होंने महागठबंधन की चुनौती को नकारते हुए कहा कि यूपी के अलावा इसका कहीं भी असर नहीं है। महागठबंधन में शामिल सभी दल भाजपा के खिलाफ 2014 में चुनाव लड़े थे और बुरी तरह हारे थे और 2019 में भी यही होने वाला है। महागठबंधन है कहां? उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा कांग्रेस एक हो जाएं फिर भी हम 50 प्रतिशत की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। 

उत्तर प्रदेश में 73 से 74 सीटें हो सकती हैं, इससे कम नहीं। अमित शाह ने कहा कि देश की जनता और लोकतंत्र दोनों बहुत परिपक्व हैं। 2014 के बाद हर चुनाव 2019 पर असर डालेगा, ये 5 राज्यों के चुनाव भी असर छोड़ेंगे। जनता सब जानती है। राहुल गांधी के मंदिर-मंदिर जाने और मध्यप्रदेश में गौशाल बनाने के कांग्रेस के ऐलान पर उन्होंने कहा कि हमने 1950 से अपना स्टैंड नहीं बदला है। हम एक ही मार्ग पर चल रहे हैं। जब हमारे पास 2 सीटें थीं, तब भी वही एजेंडा था, और आज भी वहीं एजेंडा है। वो बदलना चाहें तो बदलें।
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